Shri Vishwakarma Chalisa – श्री विश्वकर्मा चालीसा
Shri Vishwakarma Chalisa ॥ दोहा ॥ विनय करौं कर जोड़कर,मन वचन कर्म संभारि। मोर मनोरथ पूर्ण कर,विश्वकर्मा दुष्टारि॥ ॥ चौपाई ॥ विश्वकर्मा तव नाम अनूपा।पावन सुखद मनन अनरूपा॥ सुंदर सुयश भुवन दशचारी।नित प्रति गावत गुण नरनारी॥ शारद शेष महेश भवानी।कवि कोविद गुण ग्राहक ज्ञानी॥ आगम निगम पुराण महाना।गुणातीत गुणवंत सयाना॥ जग महँ जे परमारथ … Read more